SURINDER BHASIN
Tuesday, July 7, 2015
चूरा विचार
विचार तो
सूखे आटे की तरह होता है
महज हालातों-घटनाओं का चूरा.....
जब तक
इसमें जल मिलाओ नहीं,
गुन्थों नहीं, बेलो नहीं,
अनुभव की आँच पर तपाओ नहीं,
पककर नहीं होता तैयार
किसी काम आने को,
उपभोग हो जाने को,
भूखी आत्मा का
भोजन बन जाने को।
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