Monday, July 6, 2015

पूजा से पाले जाते



बच्चे 
वासनाओं से नहीं, 
कामनाओं से आते हैं हमारी गोद में, 
वरना हर डाला हुआ बीज पौधा नहीं बन जाता। 

बच्चे चाहतों से पलते हैं,
फूल व फल की तरह खिलते हैं,
पल-पल मुस्कुराते 
बढ़ते ही जाते हैं, 
और फिर एक दिन 
हमारे कंधे से कंधा मिलाते, 
हमसे भी मजबूत, समझदार व बड़े हो जाते हैं, 
और हम न समझ बूढ़े-छोटे। 
कितनी बार 
कितनी आसानी से ही हो जाता है 
यह सब कुछ -
अगर बच्चे वासना से नहीं 
प्रार्थना से आते हैं,
और पूजा से पाले जाते हैं। 













No comments:

Post a Comment