Wednesday, June 24, 2015

पेड़ की पेंटिग



पहले जब 
पेड़ के पास जाओ 
तो उसके पास  बैठो, 
उससे हाथ मिलाओ, 
और हो सके तो उसके गले लग जाओ 
अपने में उसे खड़ा करो,
टहनी-टहनी बड़ा करो, पत्ते-पत्ते लहराओ .. 
फिर उससे अच्छे से बतियायो 
जैसे मिले हो अरसे बाद अपने बिछुड़े से 
उसे भी अपनी इंसानियत का अहसास कराओ।  
फिर स्नेह-रंग से कैनवास पर उसकी तस्वीर बनाओ और
उसमें अपने जीवन-प्राण दबाओ। 
ऐसे नहीं कि 
निकाले रंग-कूची और शुरू हो गये 
ऐसे तो दीवारें व छतें रंगी जातीं हैं हड़बड़ी में, 
कैनवस पर तो 
पेड़ ऐसे बनाते हैं, जैसे उगाये हों धरती पर कि 
चिड़िया आकर बैठ जाये कि 
बादल थमकर बरस जायें कि  
खुद पेड़ धोखा खा जाये 
और बहार आने पर कैनवास का पेड़ भी बोर्रा जाये। 








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