Saturday, October 14, 2017

चाहतें /इच्छाएं

चाहतें /इच्छाएं
तारों-सी हमारे जीवन में
भरी होती हैं - टिमटिमाती....
दिखती हैं
बार-बार मगर
पकड़ में अक्सर नहीं आतीं....
कुछ होती हैं बच्चों के गैस भरे रंग-बिरंगे
गुब्बारे-सी आकर्षक
मगर जिद करके जकड़ो
तो फुस्स ही हो जातीं ....
पता नहीं वह हमें
सय्यम समझातीं या
हमारे जज्बात से खेल जातीं ....
चाहे जितना पीछे दौड़ो
पूरी कभी नहीं हो पाती....
          ----------               सुरेन्द्र भसीन  

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