कविताओं के नहीं
बिखराव के संकलन होते हैं
यह कविता संग्रह
छोटे-छोटे रंगीन कांच की
किरचें बटोरना
भावनाओं को बिना सार्थक वजह बीनना
महज जगह साफ़ करने के उद्देश्य से समेटना
कि अब किरचें
लहुलुहान नहीं करेंगी किसी को,
कि आश्वस्त करना सभी को,
कि हादसे
तरतीब से
निपट /गुजर गए हैं।
--------- सुरेन्द्र भसीन
बिखराव के संकलन होते हैं
यह कविता संग्रह
छोटे-छोटे रंगीन कांच की
किरचें बटोरना
भावनाओं को बिना सार्थक वजह बीनना
महज जगह साफ़ करने के उद्देश्य से समेटना
कि अब किरचें
लहुलुहान नहीं करेंगी किसी को,
कि आश्वस्त करना सभी को,
कि हादसे
तरतीब से
निपट /गुजर गए हैं।
--------- सुरेन्द्र भसीन
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