हे,
अग्निदेव! जलदेव!
मेरे मरणोपरांत,
मेरी हड्डी-हड्डी जला-लो,
गला-लो पूर्णतया
चूर-चूर करके
उसकी राख बना लो
पुनः इस वातावरण
में मिला लो !
--------- सुरेन्द्र भसीन
अग्निदेव! जलदेव!
मेरे मरणोपरांत,
मेरी हड्डी-हड्डी जला-लो,
गला-लो पूर्णतया
चूर-चूर करके
उसकी राख बना लो
पुनः इस वातावरण
में मिला लो !
--------- सुरेन्द्र भसीन
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