Saturday, December 19, 2015

अनंत यात्रा विश्व

सामने 
दृश्य रूप में  
केवल एक विशाल दीर्घ दृश्यचित्र 
चल रहा है लगातार 
परंतु हजारों दृश्यों की  चित्रावलियां 
              भिन्न-भिन्न एपिसोड 
विभिन्न चैनलों पर चल रहे हैं। 

समानांतर अनेक आयाम 
अनेक पक्ष 
अनेक चित्र-विचित्र परिदृश्य 
                           गतिमान चल रहे....... 

चैनल बदलो / देखो -
तो समांतर चलते दूसरे दृश्यों पर 
कूद जायेंगे 
हैरानी में 
कि हम अब जिन्हें देख पा रहे हैं 
चैनल बदलते 
     फिर उन्हें देख नहीं पायेंगे !...... 

पूरा विश्व फलक 
विभिन्न चैनलों 
विभिन्न दृश्यों का 
         समांतर संचालन है !..... 

जितने जीव  प्राणी 
उतने जीवन रूप /उतनी विविधताएं 
उतनी यात्राएं !

     ------------  

मुक्ति 
सको तो 
तेतीस कोटि जीवन आयामों में 
अनुभूति     भाव यात्रा करो /वेदनाओं में 
मुक्त्त हो 
इन आयामों में 
इसी जीवन में 
       मुक्त्त हो जाओ !
सको तो.....! 
              ----------           baldev vanshi

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