समूची सत्ता /आकाश की
सिमट आती है एक बिंदु में।
छाया में। समा जाती है -
वृक्ष की इयत्ता !....
प्रार्थना
ऐसे ही होती है
साकार !
---------- baldev vanshi
सिमट आती है एक बिंदु में।
छाया में। समा जाती है -
वृक्ष की इयत्ता !....
प्रार्थना
ऐसे ही होती है
साकार !
---------- baldev vanshi
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