Friday, December 25, 2015

सच - झूठ

मुंदती आंखों के पीछे 
एक वास्तविक जहान है 
विलुप्त होता हुआ। 

और एक नया कल्पना जहान 
वास्तव में - उजागर होता हुआ। 

यूं  झूठ  - सच 
और सच - झूठ 
में खोता होता हुआ
मुंदती आँखों के पीछे....  

         ----------

No comments:

Post a Comment