ज़रा सोचो तो
बच्चे भला कहाँ से आते हैं?
बच्चे तो हमारे भीतर बचपन में ही होते हैं बीज रूप होकर
जब हम बड़े होते हो जाते हैं
तो हमारा बचपन भी
बाहर निकल जाता है बड़ा होकर
इसलिये फिर कभी
हम बच्चे नहीं हो पाते हैं
चाहे हम बूढ़े हो जाते हैं
बच्चे नहीं हो पाते हैं।
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