अपने
मरते ही
तुम एक पेड़ अपने साथ जलाते हो
भला जन्मते ही क्या तुम एक पेड़
अपने साथ लाते हो या
इस धरती पर पॉँव रखते ही उसे उगाते हो !
भाई , ऐसा ही चलता रहा
तो ये पेड़ हमारे कितने दिन चल पायेँगे
मरने पर तो छोड़ो
जिंदा रहते भी तुम्हें ये
सांस के लिये हवा नहीं दे पायेँगे।
मेरी मानो
पेड़ों के कम होने की हालत पर
ज़रा दृष्टि डालो
और मरने और पैदा होने के
रिवाजों में पेड़ उगाने की रिवायत डालो।
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