Friday, March 30, 2018

मच्छर /कवि

मच्छर /कवि 

कोई नहीं
सुनना चाहता
महान कवि मच्छर की कविताएं
उसके कविता शुरू करते ही
लोग उसे दुर्दुराने लगते हैं
और हाथ हिला हिला कर व
पहलु बदल बदल कर
उसे अपने से दूर हटाने लगते हैं।
जाते जाते फिर भी
वह अपनी रचना की कुछ पंक्तियाँ
आपको सुना ही जाता है
और मरते मरते भी
अपने काम का जोखिम व
अपने हालात आपको
बता ही जाता है....।
------ सुरेन्द्र भसीन   

  

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