विज्ञान ने
हमें समझाया है कि
देवी-देवता कुछ नहीं
एक साधारण इस्त्री-पुरुष ने हमें जाया है...
पाप-पुण्य भी बेकार है।
डांट-डपट,आर्थिकता और भय पर ही
टिका और चलता यह सारा संसार है।
लेन-देन यहीं तक है बस
आगे सब कुछ खत्म,
बड़ा वाला शून्य या निरा अंधकार है।
अब यह सीधा हिसाब
हमें समझ तो आता है
हमें लूट-खसोट,मार-काट की ओर ले जाता है
और आखिर में हमें
प्रयाश्चित के जलते-कल्पते
जंगल में छोड़ ही जाता है।
----------- सुरेन्द्र भसीन
हमें समझाया है कि
देवी-देवता कुछ नहीं
एक साधारण इस्त्री-पुरुष ने हमें जाया है...
पाप-पुण्य भी बेकार है।
डांट-डपट,आर्थिकता और भय पर ही
टिका और चलता यह सारा संसार है।
लेन-देन यहीं तक है बस
आगे सब कुछ खत्म,
बड़ा वाला शून्य या निरा अंधकार है।
अब यह सीधा हिसाब
हमें समझ तो आता है
हमें लूट-खसोट,मार-काट की ओर ले जाता है
और आखिर में हमें
प्रयाश्चित के जलते-कल्पते
जंगल में छोड़ ही जाता है।
----------- सुरेन्द्र भसीन
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