बाल कविता
एक था मोटू हलवाई !
एक था पतलू हलवाई !
एक बार मोटू हलवाई की मिठाई
पतलू हलवाई ने है खाई ।
तो गजब कमाल हो गया भाई!
पतलू हलवाई की भी तोंद है निकल आई
अब पतलू हलवाई ने मोटू हलवाई से
शिकायत है लगाई कि अपनी मिठाई
में क्या दवाई मिलाते हो भाई
देखो ..देखो मेरी तो तोंद ही निकल आई।
तब मोटू हलवाई ने बात है यह बताई कि
मैं बनाता हूँ सदा गोल मिठाई जैसे -
लड्डू गोल,रसगुल्ला गोल,गुलाबजामुन तक गोल मटोल।
अब बात सभी को समझ आई कि
अगर खाओगे
गोल मिठाई तो
तोंद तो निकलेगी ही भाई ।
-------------- सुरेन्द्र भसीन
एक था मोटू हलवाई !
एक था पतलू हलवाई !
एक बार मोटू हलवाई की मिठाई
पतलू हलवाई ने है खाई ।
तो गजब कमाल हो गया भाई!
पतलू हलवाई की भी तोंद है निकल आई
अब पतलू हलवाई ने मोटू हलवाई से
शिकायत है लगाई कि अपनी मिठाई
में क्या दवाई मिलाते हो भाई
देखो ..देखो मेरी तो तोंद ही निकल आई।
तब मोटू हलवाई ने बात है यह बताई कि
मैं बनाता हूँ सदा गोल मिठाई जैसे -
लड्डू गोल,रसगुल्ला गोल,गुलाबजामुन तक गोल मटोल।
अब बात सभी को समझ आई कि
अगर खाओगे
गोल मिठाई तो
तोंद तो निकलेगी ही भाई ।
-------------- सुरेन्द्र भसीन
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