.कह दो!
कह दो!
कह दो!
कि हमें
इंसानो पर अब भरोसा नहीं रहा...
इंसानो पर अब भरोसा नहीं रहा...
अब मशीने ही हमें
राह बताएंगी
सही और गल्त की
पहचान भी कराएँगी
वही हमारा इष्ट भी होंगी
वही हमारा इष्ट भी होंगी
वही हमें पैदा करेंगी
वही हमें
श्मशान में जलाएँगी।
------- सुरेन्द्र भसीन
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