Sunday, April 9, 2017

सुनने वाला

सुनने वाला तो 
सभी को चाहिए -
माँ के रूप में, बहन, प्रेमिका, बीवी के रूप में,
मातहत, भाई, दोस्त, पिता रूप में 
या फिर 
मूर्ति रूपी भगवान के रूप में 
और  न मिला तो 
अपने निज (छ्दम या स्व ) रूप 
को ही  सुनाने बैठ जायेगा और 
 बातें करता करता  व्यक्ति
अपने भीतर ही, मौन हो जाएगा  
कंदराओं में खो जाएगा
साधू या  फकीर 
हो जायेगा। 
 -----------                -सुरेन्द्र भसीन 

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