विभिन्न सम्मतियाँ
"हाँ, प्रकृति और ऋतुएँ भी आपके कवि को बड़ी सूक्ष्मता से प्रेरित करती हैं-'सरदी' को 'गुरबत पर अय्याशी की सवारी' और 'बादल' के लिए 'आपसी गिले', जो बहुत दिन तक अविस्मरणीय रहेगी- देन यह आपके भाव तत्व की है। मुझे विश्वास है, आपकी कृति का अधिकाधिक पाठक स्वागत करेंगे।" डॉ. हरिवंशराय बच्चन
"डॉ. बलदेव वंशी समाज और मनुष्यता के कवि हैं। उनकी काव्य-यात्रा में अपने समय के विषम यथार्थ की पहचान दिखाई पड़ती है, किंतु समाज और मनुष्यता में गहरी आस्था रखने वाला उनका कवि यथार्थ के अंधकार में भटक नहीं है।"
डॉ. रामदरश मिश्र
"कवि वंशी ने शताब्दी के उत्तर चतुर्थ में अपनी रचनावली की छाप छोड़ी है वह इतिहास के ज्योति पत्र में दीप्तिमान रहेगी।" डॉ. रमेश कुंतल मेघ
"बलदेव वंशी की कविताएँ नगरीय अनुभूतियों का तीसरा आयाम व्यक्त करती हैं। उनकी संवेदनाएँ नगर जीवन के निचले और मध्यम वर्ग का अनिवार्य अंग है।" -गिरिजाकुमार माथुर
"बलदेव वंशी के कवि को मैंने जितना कुछ पढ़ा, सुना, समझा और गुना है, अपनी सृजनात्मकता और विचारशीलता में वे कुछ-कुछ मुक्तिबोध की जस्ट-बिरादरी के रचनाकार हैं, एकदम शुरू से लेकर अपनी रचनाशीलता के इस पड़ाव तक।" -डॉ. शिवकुमार मिश्र
"यथास्थिति को तोड़ने के लिए लोक की अदम्य जिजीविषा जीवनी शक्ति, विश्वास और आस्था से जुड़कर गलत को चुनोती देने की क्षमता अर्जित कस जोखिम भी उठाते हैं,वंशी। बलदेव वंशी के लिए चाहे भारतीय भाषाओं का प्रश्न हो, चाहे सन्तों का, चाहे प्रतीक -कथाओं का, देन का उद्देश्य इसी चुनोती को स्वीकार करना रहा है।" -विष्णु प्रभाकर
"बलदेव वंशी एक सृजनशील लेखक हैं और सन्तों की वाणियों का अध्ययन करने,समकालीन कविता में अपनी विशिष्ट पहचान रखते हैं। किंतु उन्होंने अपने लिए एक अलग लेखन-संसार की भी रचना की है और उन का यह संसार मुझे विशेष रूप से आकर्षित करता है। -डॉ. महीप सिंह
"हाँ, प्रकृति और ऋतुएँ भी आपके कवि को बड़ी सूक्ष्मता से प्रेरित करती हैं-'सरदी' को 'गुरबत पर अय्याशी की सवारी' और 'बादल' के लिए 'आपसी गिले', जो बहुत दिन तक अविस्मरणीय रहेगी- देन यह आपके भाव तत्व की है। मुझे विश्वास है, आपकी कृति का अधिकाधिक पाठक स्वागत करेंगे।" डॉ. हरिवंशराय बच्चन
"डॉ. बलदेव वंशी समाज और मनुष्यता के कवि हैं। उनकी काव्य-यात्रा में अपने समय के विषम यथार्थ की पहचान दिखाई पड़ती है, किंतु समाज और मनुष्यता में गहरी आस्था रखने वाला उनका कवि यथार्थ के अंधकार में भटक नहीं है।"
डॉ. रामदरश मिश्र
"कवि वंशी ने शताब्दी के उत्तर चतुर्थ में अपनी रचनावली की छाप छोड़ी है वह इतिहास के ज्योति पत्र में दीप्तिमान रहेगी।" डॉ. रमेश कुंतल मेघ
"बलदेव वंशी की कविताएँ नगरीय अनुभूतियों का तीसरा आयाम व्यक्त करती हैं। उनकी संवेदनाएँ नगर जीवन के निचले और मध्यम वर्ग का अनिवार्य अंग है।" -गिरिजाकुमार माथुर
"बलदेव वंशी के कवि को मैंने जितना कुछ पढ़ा, सुना, समझा और गुना है, अपनी सृजनात्मकता और विचारशीलता में वे कुछ-कुछ मुक्तिबोध की जस्ट-बिरादरी के रचनाकार हैं, एकदम शुरू से लेकर अपनी रचनाशीलता के इस पड़ाव तक।" -डॉ. शिवकुमार मिश्र
"यथास्थिति को तोड़ने के लिए लोक की अदम्य जिजीविषा जीवनी शक्ति, विश्वास और आस्था से जुड़कर गलत को चुनोती देने की क्षमता अर्जित कस जोखिम भी उठाते हैं,वंशी। बलदेव वंशी के लिए चाहे भारतीय भाषाओं का प्रश्न हो, चाहे सन्तों का, चाहे प्रतीक -कथाओं का, देन का उद्देश्य इसी चुनोती को स्वीकार करना रहा है।" -विष्णु प्रभाकर
"बलदेव वंशी एक सृजनशील लेखक हैं और सन्तों की वाणियों का अध्ययन करने,समकालीन कविता में अपनी विशिष्ट पहचान रखते हैं। किंतु उन्होंने अपने लिए एक अलग लेखन-संसार की भी रचना की है और उन का यह संसार मुझे विशेष रूप से आकर्षित करता है। -डॉ. महीप सिंह
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