Monday, February 20, 2017

फूलों का फलसफ़ा

फूलों  को देने से आप कहीं फूल तो नहीं जाओगे
और न देने से कहीं हमें भूल तो नहीं जाओगे।
तुम हमें याद रख सको इसके लिए -
इतना ही काफी है या कुछ और हरकत फरमायें
और अगर हमनें कर दी गुस्ताख़ी
तो आप शरमा के बुरा तो नहीं मान जाओगे?
रूठ तो नहीं जाओगे ?

वैसे तो,
आपको फूल नहीं दिए हैं मैंने
आपको ही फूलों को दिया है....
आपको फूल देते भी कैसे ?
वे तो एक न एक दिन मुरझाने वाले हैँ
और आपके जीवन में तो हम
खुद ही आने वाले हैं ....

आपका अपना होकर
अन्तर्मन में बस जाने वाले हैं....      
  --------------                     -सुरेंद्र भसीन   

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