Thursday, August 29, 2019

लंबी
मुश्किल हो गई जीवन यात्रा में
जब कोई पड़ाव/आराम नहीं आता
तो मन बड़ा घबराता है कि
यह रास्ता मुझे किस रसातल में लिए जाता है याकि
इतना लंबा क्यों है?
खत्म होने को क्यों नहीं आता है...?
संस्कार,पूर्वजों,देवी-देवताओं का
आशीर्वाद तभी हमारे काम आता है
जो हमें
धैर्य, सस्यम से लगातार
उद्देश्यरूपी दिए की ओर
बढ़ते जाना सिखाता है
वरना बीच रास्ता भटकते/अटकते
देर नहीं लगती...
मनुष्य मनोरंजन में डूबकर
कहीं का कहीं और ही पहुँचकर
सब बर्बाद कर जाता है।
      -----      सुरेन्द्र भसीन

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