Wednesday, June 28, 2017

नियति

"नियति"

सदियों से
वह पहाड़ था
तो अड़ के खड़ा था
राह रोकने की अपनी जिद लेकर...
उसमें छेद कट, बारूद भरके उड़ा दिया
उसके बारीक़ टुकडों में तारकोल मिलाकर
सड़क बना दिया...
उसको!
 रास्ता बना
राहों में बिछा दिया!
------        सुरेन्द्र भसीन

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