इस पृथ्वी के
हजारों किलोमीटर ऊपर तो
कहीं चाँद है।
लाखों किलोमीटर ऊपर है सूर्य,
करोड़ों किलोमीटर ऊपर,
दूर तारों का समूह...
उसमें भी कोई आख़री तारा भी होगा ही
और उसके बाद...
और...और...कुछ और...
जानते हैं हम
मानते हैं हम तो
यही तो ईश्वर है
यही ईश्वर का
रूप स्वरूप
....और क्या?
----- सुरेन्द्र भसीन
हजारों किलोमीटर ऊपर तो
कहीं चाँद है।
लाखों किलोमीटर ऊपर है सूर्य,
करोड़ों किलोमीटर ऊपर,
दूर तारों का समूह...
उसमें भी कोई आख़री तारा भी होगा ही
और उसके बाद...
और...और...कुछ और...
जानते हैं हम
मानते हैं हम तो
यही तो ईश्वर है
यही ईश्वर का
रूप स्वरूप
....और क्या?
----- सुरेन्द्र भसीन
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