Sunday, January 20, 2019

इस पृथ्वी के
हजारों किलोमीटर ऊपर तो
कहीं चाँद है।
लाखों किलोमीटर ऊपर है सूर्य,
करोड़ों किलोमीटर ऊपर,
दूर तारों का समूह...
उसमें भी कोई आख़री तारा भी होगा ही
और उसके बाद...
और...और...कुछ और...
जानते हैं हम
मानते हैं हम तो
यही तो ईश्वर है
यही ईश्वर का
रूप स्वरूप
....और क्या?
      -----  सुरेन्द्र भसीन

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