आदरणीय मैडम जी,
जैसा कि सर्वविदित है कि हिंदी साहित्य की कविता विधा में डॉ बलदेव वंशी एक जाना माना नाम है। उनके किये गए आधुनिक कविता, विचार कविता में व सन्त साहित्य में खोजपरक कार्यों को हर कोई मानता और सराहता रहा है, इसलिए उन्हें राष्ट्रपति पृरस्कार से भी नवाजा गया था।
7जनवरी 2018 को उनका स्वर्गवास हुआ और एक वर्ष उपरांत हमनें(उनके दोनों सपुत्रों) ने उनकी सभी
अप्रकाशित कविताओं का एक संकलन 'ऋत अभी शेष है' नाम से प्रकाशित किया है जिसकी भूमिका प्रतिष्ठित साहित्यकार श्री प्रेमजन्मजेय जी ने लिखी है,का विमोचन 2फरवरी 2019 सांय 5.0बजे हिंदी भवन में होना तय हुआ है। अतः आपसे नम्र निवेदन है कि आप इस कार्यक्रम को दूरदर्शन के श्रोताओं को भी उपलब्ध करा कर हमें भी अनुगृहित करें जैसाकि आपने उनके पूर्व के कार्यक्रमों को प्रसारित कर हमें उपकृत किया था।
धन्यवाद!
भवदीय
वीरेन्द्र भसीन एवं सुरेन्द्र भसीन
9811037758 & 9899034323
सुपुत्र डॉ बलदेव वंशी
जैसा कि सर्वविदित है कि हिंदी साहित्य की कविता विधा में डॉ बलदेव वंशी एक जाना माना नाम है। उनके किये गए आधुनिक कविता, विचार कविता में व सन्त साहित्य में खोजपरक कार्यों को हर कोई मानता और सराहता रहा है, इसलिए उन्हें राष्ट्रपति पृरस्कार से भी नवाजा गया था।
7जनवरी 2018 को उनका स्वर्गवास हुआ और एक वर्ष उपरांत हमनें(उनके दोनों सपुत्रों) ने उनकी सभी
अप्रकाशित कविताओं का एक संकलन 'ऋत अभी शेष है' नाम से प्रकाशित किया है जिसकी भूमिका प्रतिष्ठित साहित्यकार श्री प्रेमजन्मजेय जी ने लिखी है,का विमोचन 2फरवरी 2019 सांय 5.0बजे हिंदी भवन में होना तय हुआ है। अतः आपसे नम्र निवेदन है कि आप इस कार्यक्रम को दूरदर्शन के श्रोताओं को भी उपलब्ध करा कर हमें भी अनुगृहित करें जैसाकि आपने उनके पूर्व के कार्यक्रमों को प्रसारित कर हमें उपकृत किया था।
धन्यवाद!
भवदीय
वीरेन्द्र भसीन एवं सुरेन्द्र भसीन
9811037758 & 9899034323
सुपुत्र डॉ बलदेव वंशी
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