आजकल किसी का
कुछ भी कहा
किसी को भी
अच्छा नहीं लगता
कोई कुछ सुनना नहीं चाहता।
सब चिड़चिड़ाए हैं और
क्रोध में भरे हैं
अपने से खीझे
अपने से ही लड़े हैं।
फिर कहते हैं हम
बड़े हैं .....
---------- -सुरेन्द्र भसीन
कुछ भी कहा
किसी को भी
अच्छा नहीं लगता
कोई कुछ सुनना नहीं चाहता।
सब चिड़चिड़ाए हैं और
क्रोध में भरे हैं
अपने से खीझे
अपने से ही लड़े हैं।
फिर कहते हैं हम
बड़े हैं .....
---------- -सुरेन्द्र भसीन
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