Saturday, February 23, 2019

बदलाव

बदलाव

चलने नहीं दिया जा सकता
जो सदियों से चलता चला जा रहा है
कहीं तो रूक कर,
सोच कर
बदलना होगा
जो गलत होता चला जा रहा है
जब हवाएँ भी रूख़ और
नदियाँ तक रास्ता बदलती हैं
तो हमें भी बदलना होगा
वक्त के साथ चलना होगा।
        --------         सुरेन्द्र भसीन

No comments:

Post a Comment