तेज धूप भी तो
सर्द बर्फ का छिटकता धवल रुप ही है
जो उसपर पड़ती है,
उसे पिघलती है, अंत में
उसे वाष्प बना - अपने साथ
समा ले जाती है।
वैसे, ऐसे ही तो
आत्मा की परमात्मा तक
गति हो जाती है।
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सर्द बर्फ का छिटकता धवल रुप ही है
जो उसपर पड़ती है,
उसे पिघलती है, अंत में
उसे वाष्प बना - अपने साथ
समा ले जाती है।
वैसे, ऐसे ही तो
आत्मा की परमात्मा तक
गति हो जाती है।
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