Wednesday, April 10, 2019

हमारे पूर्वज
अगर बृक्ष के तना और
तनों की टहनियाँ हैं तो
हम उनपर उगते
हरे-नन्हें कोमल पत्ते, फूल और फल।
हमारी परम्पराएं
हमारी पूर्वजों की कमाई हैं
जो हमने वसीहत में पायी है
यह उनकी वह सोच है जो
हमारी आदत में उतर आयी है
जो उन्होंने
अलिखित रूप में हम तक पँहुचाई है
हम जैसे-जैसे आगे बढ़ते हैं
उनमें कुछ अपना कुछ नया जड़ते हैं
...और  यूँ हम आगे बढ़ते हैं।

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