हमारे पूर्वज
अगर बृक्ष के तना और
तनों की टहनियाँ हैं तो
हम उनपर उगते
हरे-नन्हें कोमल पत्ते, फूल और फल।
हमारी परम्पराएं
हमारी पूर्वजों की कमाई हैं
जो हमने वसीहत में पायी है
यह उनकी वह सोच है जो
हमारी आदत में उतर आयी है
जो उन्होंने
अलिखित रूप में हम तक पँहुचाई है
हम जैसे-जैसे आगे बढ़ते हैं
उनमें कुछ अपना कुछ नया जड़ते हैं
...और यूँ हम आगे बढ़ते हैं।
अगर बृक्ष के तना और
तनों की टहनियाँ हैं तो
हम उनपर उगते
हरे-नन्हें कोमल पत्ते, फूल और फल।
हमारी परम्पराएं
हमारी पूर्वजों की कमाई हैं
जो हमने वसीहत में पायी है
यह उनकी वह सोच है जो
हमारी आदत में उतर आयी है
जो उन्होंने
अलिखित रूप में हम तक पँहुचाई है
हम जैसे-जैसे आगे बढ़ते हैं
उनमें कुछ अपना कुछ नया जड़ते हैं
...और यूँ हम आगे बढ़ते हैं।
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