Wednesday, April 29, 2015

प्रकृति के जियाले तो 
भूचालों में भी जी जाते हैं 
और जिन्हे मरना ही है 
वे बदनसीब तो 
अपने घहुटनो से गिरकर भी 
मृत्यु पाते हैं। 

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