Tuesday, December 3, 2019

सही है कि
बोलना तो
लोगों को नहीं आता
चुप रहना भी नहीं आता...
गलत वज़ह से गलत जगह पर चुप जो रह जाते हैं-
समाज में,पेशे में, सम्बन्धों में -
इसलिए पिछड़ जाते हैं/मात खा जाते हैं/
दब्बू, भीरू या डरपोक भी कहलाते हैं
अपनी बहन-बेटियों की रक्षा नहीं कर पाते
सड़क पर हुए हादसों को, हिंसा को, बलात्कार को
दूसरों के साथ हुआ बताते हैं
अपने साथ हुआ यह समझ नहीं पाते
गलत वजह/गलत जगह पर चुप जो रह जाते हैं
इसलिए अगला शिकार बन जाते हैं..
          ------           सुरेन्द्र भसीन

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