Wednesday, August 1, 2018

हिसाब

हिसाब

दो रोटी सुबह
दो दोपहर और
दो रोटी रात
प्याज के साथ खाकर ही
गरीब-मजदूर का जीवन चल जाता है।
मगर संसार का हर पूंजीपति
इसी हिसाब में मरा जाता है कि
गरीब इतनी रोटी भी
क्यों और कैसे खाता है?
       -----    सुरेन्द्र भसीन

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