Thursday, August 23, 2018

नींद

पहले जबरदस्त
और अब जबरदस्ती ही आती है नींद,
घण्टों बिस्तर पर पड़े रहो
शुरू होती ही नहीं है
नींद की मशीन।
लोग कहते हैं यह
खराब हो गई है मगर
मैं इसमें दिन भर की थकान मिलाऊँ तो
यह काम करने लग जाती है।
फिर बिस्तर पर पड़ते ही
झट नींद आ जाती है।
       ------  सुरेन्द्र भसीन

ज़िब्ह

पड़ोसी के
घर बंधे बकरे को नहीं
पर मुझे तो
यह मालूम है कि
कल बकरीद है, इसलिए
बकरे की मैं... मैं पर
मैं बड़ा छटपटाता हूँ
और उसके
कल एक बार जिबह होने से पहले
खुद आज
कई-कई बार
क़त्ल हुआ जाता हूँ...
       ----- सुरेन्द्र भसीन             

Wednesday, August 1, 2018

हिसाब

हिसाब

दो रोटी सुबह
दो दोपहर और
दो रोटी रात
प्याज के साथ खाकर ही
गरीब-मजदूर का जीवन चल जाता है।
मगर संसार का हर पूंजीपति
इसी हिसाब में मरा जाता है कि
गरीब इतनी रोटी भी
क्यों और कैसे खाता है?
       -----    सुरेन्द्र भसीन