नानी नदी.…
नाना नहर
और नानी नदी
दोनों ही
एक दूजे के समानन्तर बहते हैं
और उनके बीच बनी
हरित भूमि पर
हम सब मिलकर
पौधों की तरह ही रहते हैं...
यूँ तो
नाना नहर और नानी नदी
बीच बीच में मिला करते हैं...
और न जाने क्या-क्या
बातें कहा-किया करते हैं...
और हम भी
जब चाहे उनसे
प्रेम जल लिया करते हैं...
ऐसे ही
सभी के नाना नानी
सब के दिल में
सदा बहा करते हैं...।
------- सुरेन्द्र भसीन
नाना नहर
और नानी नदी
दोनों ही
एक दूजे के समानन्तर बहते हैं
और उनके बीच बनी
हरित भूमि पर
हम सब मिलकर
पौधों की तरह ही रहते हैं...
यूँ तो
नाना नहर और नानी नदी
बीच बीच में मिला करते हैं...
और न जाने क्या-क्या
बातें कहा-किया करते हैं...
और हम भी
जब चाहे उनसे
प्रेम जल लिया करते हैं...
ऐसे ही
सभी के नाना नानी
सब के दिल में
सदा बहा करते हैं...।
------- सुरेन्द्र भसीन
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