वे
उसके चश्में के नहीं
आंखों के लैंस थे।
जो तुमने फोड़ दिये
इस घिनौनी साजिश के साथ
कि कहीं तुम्हारी दीं हुईं यातनाओं के अक्स
उसके बच्चों में न उतर जायें प्रतिशोध बन।
मगर
जाओ और जाकर देखो
कि सदियोँ से सुप्त पड़ा क्रांति बीज
उसके रक्त से सिंचित हो
एक रक्तिम गुलाब बन चुका है
तुम्हारे वजूद को धिक्कारता।
*****
उसके चश्में के नहीं
आंखों के लैंस थे।
जो तुमने फोड़ दिये
इस घिनौनी साजिश के साथ
कि कहीं तुम्हारी दीं हुईं यातनाओं के अक्स
उसके बच्चों में न उतर जायें प्रतिशोध बन।
मगर
जाओ और जाकर देखो
कि सदियोँ से सुप्त पड़ा क्रांति बीज
उसके रक्त से सिंचित हो
एक रक्तिम गुलाब बन चुका है
तुम्हारे वजूद को धिक्कारता।
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