Monday, August 30, 2021

 निठल्ला समय  खो गया है

 

निठल्ला

समय 

खो गया है 

कि तुममें कोई 

भागमभाग का पौधा बो गया। 

अब यह जीवन 

तुम्हारा नहीं रहा 

न जाने कब से 

पूरा का पूरा इस शहर का हो गया है।

अब रोने/पछताने से 

कुछ न होगा

यह तो कब से 

एक गोल रोटी का 

गुलाम हो गया है।

    ---- सुरेन्द्र भसीन