अंदर से तो
आप समझते ही हैं कि आपके साथ क्या सही हो रहा है और
क्या गलत?
कौन सही कह कर रहा है और
कौन आपका सिर्फ मुँह धो रहा है? कौन वक्त पर काम आयेगा आपके
और कौन चला जायेगा
मुंह मोड़कर
बीच बियाबान छोड़ कर।
मग़र अहम में/तारीफ के
स्वाद में डूबे तुम उनसे
जो आप अपना पल्ला नहीं छुड़ाते हो तो कल यही तुम्हें काटेंगे आस्तीन के सांप बनकर
पद के मद में तुम्हें यह क्या नहीं सूझता?
कि आगे पश्चताप का बदबूदार नाला आने वाला है
जिसमें गिरकर तुम्हारा भूतकाल काला हो जाने वाला है।
------ सुरेन्द्र भसीन
आप समझते ही हैं कि आपके साथ क्या सही हो रहा है और
क्या गलत?
कौन सही कह कर रहा है और
कौन आपका सिर्फ मुँह धो रहा है? कौन वक्त पर काम आयेगा आपके
और कौन चला जायेगा
मुंह मोड़कर
बीच बियाबान छोड़ कर।
मग़र अहम में/तारीफ के
स्वाद में डूबे तुम उनसे
जो आप अपना पल्ला नहीं छुड़ाते हो तो कल यही तुम्हें काटेंगे आस्तीन के सांप बनकर
पद के मद में तुम्हें यह क्या नहीं सूझता?
कि आगे पश्चताप का बदबूदार नाला आने वाला है
जिसमें गिरकर तुम्हारा भूतकाल काला हो जाने वाला है।
------ सुरेन्द्र भसीन