Monday, January 23, 2017

lttu-lttaee

तू मेरा लट्टू
मैं तेरी लटाई
तुझसे लिप्ट-लिप्ट जाती हूँ, तेरे ही प्यार में
तेरे कितने चक्कर लगाती हूँ.
तू क्यों मुझसे छूट-छिटक जाता है
मेरे  ही कारण तो तू इस जग में इतनी धूम मचाता है .
छिटक ले जालिम जितना भी छिटकना चाहे
यह  तू भी जाने है कि मेरे बगैर  तेरा वजूद
कुछ  नहीं   रह   जाता है।
इसलिए  ही  तू मुझ तक लौट  लौट  के  आता है.....  
तू मेरा लट्टू
मैं तेरी लटाई
तुझसे लिप्ट-लिप्ट जाती हूँ, तेरे ही प्यार में
तेरे कितने चक्कर लगाती हूँ.
तू क्यों मुझसे छूट-छिटक जाता है।